5 Simple Techniques For hanuman chalisa lyrics
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তাপস্বী শ্রীরাম জগতের সকলের প্রভু। সেই মহামহীমাশালীর সকল গুরুতর কর্মসমূহের দায়িত্ব পালন আপনার পক্ষে সম্ভব হয়েছিল।
Diseases will probably be ended, all pains is going to be gone, any time a devotee continuously repeats Hanuman the courageous’s identify.
भावार्थ – जो इस (हनुमान चालीसा) का सौ बार पाठ करता है, वह सारे बन्धनों और कष्टों से छुटकारा पा जाता है और उसे महान् सुख (परमपद–लाभ) की प्राप्ति होती है।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥
शास्त्रों की माना जाए तो हनुमान चालीसा का पाठ सौ बार करना चाहिए.
[Saba=all; sukha=pleasure, pleasures; Lahai=continue to be; tumhari=in your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be scared]
SoiSoiThat amitaAmitaInfinite / unlimited jīvanaJīvanaLife phalaPhalaFruits pāvaiPāvaiGet / obtain Meaning: People that carry many of their needs for you, they're going to receive fruits of abundant daily life.
Embarking on the journey of Mastering to chant the Hanuman Chalisa could be an enriching and transformative working experience.
व्याख्या – मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन–रात्रि में चारों युग आते–जाते रहते हैं। इसकी अनुभूति श्री हनुमान जी के द्वारा ही होती है। अथवा जागृति, स्वप्न, सुषुप्ति एवं तुरीय चारों अवस्थाओं में भी आप ही द्रष्टारूप से सदैव उपस्थित रहते हैं।
व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।
भावार्थ – हे पवनकुमार! मैं अपने को शरीर और बुद्धि से हीन जानकर आपका स्मरण (ध्यान) कर रहा हूँ। आप मुझे बल, बुद्धि और read more विद्या प्रदान करके मेरे समस्त कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिये।
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व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।